चाम्पा

कका
देख तोर गरुआ मन कसना मेछरात हे।
कोठा ल छोड़ के रात दिन रोडेच म जात हे।

कका
देख तोर गरुआ मन कसना मेछरात हे।
कोठा ल छोड़ के रात दिन रोडेच म जात हे
कभू गरुआ ह हाथीकस गाड़ी के चक्कर म फंस जात हे,
त कभू गरुआ ल बचात बचात गाड़ीहर नाली म बोजात हे
कका
देख तोर गरुआ मन कसना मेछरात हे।
अभिच अभी लइका मन जनमदिन मनाके
गाड़ी मनमाने चलाइन ।
आव सात ठन गरुआ के
जिंदगी ल निपटाइन ।।
गौ सेवा आयोग हर
कहां कछु बचाव अभियान चलात हे ।
बिचारा गौ सेवक मन
व्हाट्स अप देख के
दौड़ दौड़ सेवा करे जात हे ।
न पैसा न कौड़ी
तभो ले सेवा बजात हे ।
मरे गरुआ ल जानत हें त दफनात हे।
नहीं त कुकुर गति रोड़ेच म खप जात हे ।
का कोनो नेता, अधिकारी, कलेक्टर मन रोड म नइ जात हे ?
ओती गौ सेवा आयोग के पदाधिकारियों म आफीस म बैठे बैठे पगुरात हे ।
कका
देख तोर गौ… ……… मन
कसना इतरात हे ।
कका
का ..
गरुआ, घुरवा,नरवा बारी मं
ये बुता हर नइ समात हे ।

देख तोर गरुआ मन कसना मेछरात हे।

कविराज/कलमकार
राना सरल
आर एन प्रधान के कलम से
भोजपुर चांपा

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