जांजगीर चाम्पा

आस्था का महाकुंभ झलक रहा है अयोध्या मे ..रामलला की प्रतिमा देख भावविभोर हो रहे श्रद्धालु…यात्रा के दौरान ट्रेन से लेकर ठहरने के स्थान तक प्रशासन की व्यवस्था प्रशंसनीय,अयोध्या धाम से लौटकर अनंत थवाईत ने बताया

चांपा – 24 फ़रवरी 2024


22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अयोध्या मे रामलला की प्रतिमा का प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के बाद केन्द्र और उप्र सरकार के दिशा-निर्देश पर रेल्वे प्रशासन द्वारा 26 जनवरी से देश के हर प्रांत से अयोध्या धाम के लिए आस्था ट्रेन चलाई जा रही है । इसी कड़ी मे छत्तीसगढ़ के हर जिले से भी बारी बारी अयोध्या धाम के लिए ट्रेन चलाई जा रही है। गत 18 फरवरी से 21फरवरी तक जांजगीर-चांपा, शक्ति, कोरबा,एवं बिलासपुर जिले के लगभग पंद्रह सौ श्रद्धालुओं को आस्था ट्रेन के माध्यम से अयोध्या धाम जाने का अवसर मिला।
उक्त जानकारी देते हुए अयोध्या धाम यात्रा से लौटे अनंत थवाईत ने बताया कि इस समूह मे चांपा नगर से 18 श्रद्धालु शामिल हुए । प्रथम चरण की इस यात्रा मे मुझे सपत्नीक अयोध्या धाम मे रामलला के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
हम लोगों का ट्रेन 18 फरवरी को बिलासपुर से दोपहर 3 बजे रवाना हुई और 19 फरवरी सुबह 10.30 बजे अयोध्या धाम पहुंचीं। रेल्वे स्टेशन से उतरते ही बस लगी हुई थी इस बस मे सवार हो सभी यात्री टेंट सिटी पहुंचे वहां अलग अलग प्रांतों के हिसाब से ठहरने के लिए व्यवस्था की गई थी । हम जिस टेंट मे रूके उसका नाम प्रयागराज तीर्थ सिटी था। रेल्वे स्टेशन से टेंट सिटी और वहां से लता मंगेशकर चौक तक आने जाने हेतु सभी यात्रियों के लिए नि: शुल्क बस की व्यवस्था की गई थी। लता मंगेशकर चौक से 3 किलोमीटर के क्षेत्र मे ही हनुमान गढ़ी, रामलला का मंदिर,कनक भवन ,दशरथ भवन आदि स्थित है । हमने सबसे पहले हनुमान गढ़ी के मंदिर मे हनुमान जी का दर्शन किए फिर उसके बाद नवनिर्मित मंदिर मे रामलला के दर्शन किए । दूसरे दिन पतित पावन सरयू मैय्या मे स्नान किए नौका विहार का आनंद लिए । और कनक भवन ,दशरथ महल आदि मंदिरों का दर्शन किए। पूरी यात्रा के दौरान चारों ओर आस्था का महाकुंभ दिखाई दे रहा था । ट्रेन से लेकर टेंट सिटी मे ठहरने एवं मंदिर दर्शन के दौरान शासन प्रशासन के अधिकारियों, कर्मचारियों और स्वयं सेवकों के बेहतर तालमेल के चलते सेवा, सफाई और सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम था।

आस्था का महाकुंभ झलक रहा है अयोध्या मे ..रामलला की प्रतिमा देख भावविभोर हो रहे श्रद्धालु...यात्रा के दौरान ट्रेन से लेकर ठहरने के स्थान तक प्रशासन की व्यवस्था प्रशंसनीय,अयोध्या धाम से लौटकर अनंत थवाईत ने बताया - Console Corptech

नारे बदल गए…..

अनंत थवाईत ने आगे बताया कि रामलला के मनमोहक छबि वाले प्रतिमा का दर्शन करते वक्त मन प्रफुल्लित हो उठा क्योंकि कभी हम नारे लगाते थे कि “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे ” लेकिन अब भव्य मंदिर बन रहा है और रामलला विराजमान हो गए हैं तब अब वक्त के साथ हमारे नारे भी बदल गए ।‌ और अब हम नारे लगा रहे हैं “रामलला का सजा दरबार अबकी बार चार सौ पार “
अनंत थवाईत ने आगे कहा कि अयोध्या मे रामलला को विराजमान होने के एक महीने के भीतर ही हमे अयोध्या धाम जाने और रामलला का दर्शन कराने मे मोदी,योगी की डबल इंजन की सरकार की जीतनी प्रशंसा की जाए कम है । फिर से मोदी की सरकार बनाने के लिए रामलला से आशीर्वाद लेकर हम लोग 20 फरवरी को रात्रि 8 बजे अयोध्या धाम रेल्वे स्टेशन से ट्रेन मे सवार हो 21 फरवरी को दोपहर बिलासपुर पहुंचे।

सेवा भाव देख हम नतमस्तक हुए….

अनंत थवाईत ने आगे बताया कि ट्रेन मे सफाई,भोजन व्यवस्था और सुरक्षा मे लगे अधिकारियों कर्मचारियों की सेवा भाव देखकर हम नतमस्तक हुए। पुरे यात्रा के दौरान ट्रेन मे अधिकारी यात्रियों से कुशल क्षेम पुछते रहे और किसी भी चीज की असुविधा होने नहीं दिए । इसी तरह टेंट सिटी मे स्वयं सेवकों ने सभी यात्रियों की सुविधा का पुरा ख्याल रखा। समय मे चाय नाश्ता,भोजन और रात्रि विश्राम के लिए पलंग बिस्तर आदि की समुचित व्यवस्था सेवा भाव से करते रहे । वापसी मे सभी श्रद्धालुओं को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान चढ़ाए गए प्रसाद का पैकेट दिया गया।

इसी वर्ष रामलला का दर्शन मेरे लिए परम सौभाग्य की बात …

अनंत थवाईत ने आगे बताया कि अयोध्या धाम जाकर रामलला का दर्शन करना मेरे लिए परम सौभाग्य की बात है दरअसल 22 जनवरी को रामलला विराजमान हुए और 28 जनवरी को मेरे विवाह की पच्चीसवीं वर्षगांठ थी ऐसी स्थिति मे मेरे मन मे रामलला का दर्शन करके अपने विवाह की वर्षगांठ मनाने की इच्छा थी । मेरी यह इच्छा जनवरी मे न सही लेकिन फरवरी मे पुरी हो गई। इसके लिए भी मै आस्था ट्रेन चलाने के लिए मोदीजी,योगीजी के साथ ही भाजपा परिवार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं क्योंकि इनके कारण ही मुझे अपने विवाह की पच्चीसवीं वर्षगांठ और मेरी धर्मपत्नी कविता को 23 फरवरी को अपने जन्मदिवस के दो दिन पहले ही अयोध्या मे रामलला का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

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