वृक्षारोपण कार्य : वृक्षारोपण कार्य के लिए सजक एक नवदंपति ने आम का पौधारोपण करके जीवन को यादगार बना दिया

आम का पौधा दांपत्य-जीवन को खुशहाल रखता हैं इसलिए सगाई और हर पर्व पर में गमले में पौधा लगाकर वैदिक मंत्रों से करते हैं अभिमंत्रित ।

मान्यता हैं कि आम का पौधा दाम्पत्य जीवन को खुशहाल रखता हैं । इसीलिए स्वर्णकार परिवार में वर-वधू के रिश्तें की जब शुरुआत हुई तो एक छोटे-से गमले में आम का पौधे रोपित कर वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ उसका पूजन किया गया । शादी के बाद वर-वधू आज भी रोज सुबह उस पौधे में जल चढ़ाते हैं । वही आने वाले समय में अच्छी जगह देखकर उस पौधे को रोप हैं ।
हमारे देश में आम का महत्त्व एक स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक फल के रुप में किया जाता हैं । आम का वृक्ष भारतीय संस्कृति, धर्म, सौदर्य, शैक्षिक एवंँ आर्थिक जीवन से भी जुड़ा हैं । धार्मिक ग्रंथों में आम बह्मा का रुपांतर माना जाता हैं । आम की पत्तियां धार्मिक कामों, पुण्य कार्यों के अतिरिक्त देवी-देवताओ की पूजा-अर्चना में किया जाता हैं । इतना ही नहीं आम की सुखी टहनियाँ हृवन की पवित्र अग्नि को प्रज्जवलित करने के लिए उपयोग में लाई जाती हैं ।

शशिभूषण सोनी ने बताया कि आम के पेड़ का कई पौराणिक ग्रंथों यथा:- वाल्मीकि रामायण, रामचरित मानस, महाकवि कालिदास, द्धारा रचित मेघदूत आदि में कई स्थानों पर हर इच्छा पूरी करने वाले के रुप में इसका उल्लेंख मिलता हैं । कोई भी शुभ कार्य पेड़-पौधों के बिना नहीं होता। इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए

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अक्षय तृतीया के शुभ मुहूर्त में डांक्टर अमित स्वर्णकार एवं शीला सोनी और दो परिवारों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण में गत वर्ष सगाई का रस्म अदायगी सम्पन्न हुआ । ‘एक वृक्ष-एक पालक” के समान मानने वाले इस दंपति ने यादगार के तौर पर एक छोटे से गमलें में आम का पौंधा लगा कर आजीवन देखरेख करने का संकल्प लिया । श्रीआम के पौधा को खुशहाल दाम्पत्य-जीवन के लिए शुभ और फलदायी माना जाता हैं । गमलें में आम का पौंधा लगाने के बाद वैदिक मंँत्रोंच्चार के साथ पंड़ित हरिशंकर दुबे जी, बिलासपुर ने वर-वधू को अक्षत , पुष्प , दीप, पान, हल्दी, सुपारी जैसीं पूजन सामग्री डाली । इसके बाद दोनों परिवार के लोगों ने भी बारी-बारी से पूजन किया । हाइकोर्ट बिलासपुर के सीनियर एडवोकेट , मृदुभाषी , समाजसेवी अशोक स्वर्णकार-श्रीमति राधिकाजी के घर के मुख्य द्वार पर रख दिया गया।

शादी होने के कुछेक महिनों तक इस पौधें की देखभाल और रोजाना सुबह पानी डालने की जिम्मेदारी अमित और श्रीमति शीला स्वर्णकार ने किया और आज़ भी कर रहें हैं । आने वाले वर्षा ऋतु में इस पौधें को वर-वधू की मौजूदगी में किसी अच्छी जगह रोप दिया जाएगा । केवल पौधों को रोपना ही नहीं बल्कि भाई मानकर उनकी देखभाल करनी हैं । पेशें से दंत चिकित्सक अमित स्वर्णकार ने बताया कि वृक्षारोपण कार्यक्रम सभी आयोजनों में श्रेष्ठ-कर्म हैं । यह पर्यावरण संरक्षण के लिए सर्वोत्कृष्ट हैं । आज विभिन्न जीव जंतुओं और वनस्पतियों में धरती के बढ़ते तापमान से लोग चिंतित हैं । हजारों प्रजातियों का अस्तित्व पूर्ण रूप से संकट की स्थिति में हैं । पेड़-पौधों की प्रजातियों एवंमोबाईल के बढ़ते प्रभाव से जीव-जंतुओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं ।ऐसी स्थिति में पर्यावरण संरक्षण और संवर्धन बहुत जरुरी हैं । पेड़-पौधे लगाने के साथ पर्यावरण को सहेजाना और संवारना जरुरी हैं ।

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विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण महायज्ञ में लगे बंधु,बांधओं का राष्ट्राभिनंदन और सादर अभिवादन । शशिभूषण सोनी

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