चाम्पा – वट सावित्री पूजा:पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनों ने रखा व्रत, वट वृक्ष की पूजा की,,,
चाम्पा-
वट सावित्री पूजा को लेकर सुहागिन सुबह से ही वट वृक्ष के नीचे अपने पति की दीर्घायु को लेकर रक्षासूत्र बांधते नजर आई। पति के दीर्घायु के लिए के लिए सुहागिनों ने निर्जला व्रत रख अंचल के बरगद वृक्ष की पूजा अर्चना की। सुहागिनों ने इस व्रत के लिए सोलह श्रृंगार किया। वट सावित्री पूजा को लेकर सुबह 09 बजे के बाद सुहागिनें बरगद पेड़ के नीचे एकत्रित हुई और बरगद पेड़ की पूजा अर्चना कर कच्चा धागा लपेट कर पति के दीर्घायु व परिवार के सुख समृद्धि की कामना की।
बता दें कि इस व्रत को लेकर सुहागिनों में संशय था। कई सुहागिनों ने यह व्रत रविवार को रखा तो कई आज रखें। बता दें कि सोमवार को हुए पूजन अर्चना में सुहागिनों ने विवि-विधान से पूजा अर्चना कर बरगद पेड़ के 7, 11, 21 परिक्रमा करते हुए कच्चा धागा बांधा। श्रृंगार देकर बड़ों का आशीर्वाद लिया। समूह में बैठकर सत्यवान ओर सावित्री की कथा सुनी। ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है।
मान्यता- देव वृक्ष माना जाता है बरगद का पेड़
सुहागिनों ने बताया कि हिंदू शास्त्रों में वट वृक्ष के मूल में ब्रम्हा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में शिव का वास माना गया है। वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का देव का वृक्ष माना गया है। देवी सावित्री भी इसी वृक्ष में निवास करती है। मान्यता के अनुसार वट वृक्ष के नीचे सावित्री अपने पति को फिर से जीवित किया था। तब से ये व्रत सौभाग्य के लिए वट वृक्ष की पूजा की जाती है।
आज शनि अमावस्या
शनि अमावस्या एवम सर्वाथ सिद्ध योग के कारण भी इसका काफी महत्व है शनि के साठे साती एवम अढैया की पीड़ा से भी आज के पूजन से शांति मिलती है