चाम्पा-आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को भगवान श्री के तीनों विग्रहों को साथ लेकर रथयात्रा निकाली जाएगी जगन्नाथ मंदिर चांपा में तैयारियां पूरी,,,
चाम्पा – 01 जुलाई 2022
जय हो जगन्नाथ , हम-सब हैं अनाथ :कृपा करो हे नाथ ।
भगवान श्री जगन्नाथ स्वामी,भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ सात दिनों तक गुड़ीचा मंदिर के प्रतीक स्वरूप ज्वेलर्स में रहेगा तीनों विग्रह,होगा प्रतिदिन दर्शन-पूजन ।
आषाढ़ मास की द्वितीया तिथि को भगवान श्री जगन्नाथजी , अपने भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर अपनी मौसी रानी गुडिचा रानी के घर यानि कि आर के ज्वेलर्स,सदर बाजार चांपा बाजे-गाजे और शोभायात्रा के पहुंचेंगे। रथयात्रा स्थापत्य कला एवं मूर्तिकला का अद्भुत संगम स्थल लगभग 250 वर्ष प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर बड़ा मठ से विधिविधान और पूजा पाठ करते हुए निकाली जाएगी। यह रथयात्रा आज राज परिवार के मुखिया के पूजन के बाद निकलेगी फिर एक सप्ताह यानि कि दशमी तिथि को पुनः मंदिर वापिसी करेगी ।
गौरतलब हैं कि रानी गुडिचा जगन्नाथ स्वामीजी के परमभक्त राजा इंद्रघुम्न की अर्धांगिनी थी।इसीलिए रानी को भगवान जगन्नाथ की मौसी कहा जाता हैं । मौसी के घर आठ दिन रहने के बाद आषाढ़ शुक्ल दशमी को वापसी की यात्रा होती हैं । इसी रथयात्रा का परिपालन संपूर्ण देशभर में किया जाता हैं। साहित्यकार शशिभूषण सोनी ने कहा कि श्रीजगन्नाथ मंदिर, चांपा से निकलने वाले तीनों-विग्रहों को एक सप्ताह तक स्वागत स्थल आर के ज्वेलर्स सदर बाजार चांपा स्थित नवनिर्मित भवन में प्रतिष्ठित करवाकर पूजा-अर्चना किया जाता रहेगा । प्रतिदिन भजन-कीर्तन और सत्संग से यह स्थल आस्था का केंद्र बन जाएगा । रात्रि कालीन भजन-संध्या में श्रद्धालु भक्त झूमते नज़र आयेंगे।
ओम जय जगदीश हरे , स्वामी जय जगदीश हरे , हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा, हरे हरे के उद्घोषक वाक्य से गूंजायमान पवित्र वातावरण में विशाल मंदिर प्रांगण एवं तीन मंजिला इमारत दर्शकों और भक्तों के समुदाय से खचाखच भरा हुआ रहेगा ।रथ पर राजपुरोहित एवं आचार्यश्री पंडित पद्मेश शर्मा संजीव कुमार मिश्रा,राजीव मिश्रा, द्वारिका प्रसाद तिवारी जी के मंत्रोच्चारण और पूजा के पश्चात् लोग भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ को खींचकर पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे
इस अवसर पर भजन कीर्तन , मंगलगीत और पुरुषों एवं महिलाओं की कीर्तन मंडली भजन कीर्तन करते आगे बढ़ेगे। उपस्थित श्रद्धालुओं में पंडित व्दारिका प्रसाद तिवारी ,हरिहर तिवारी ,प्रशांत तिवारी, संजीव कुमार मिश्रा , सत्यनारायण,, शशिभूषण सोनी , सुशांत चौधरी , अनिल कुमार सोनी , संतोष कुमार , आलोक कुमार, पुरुषोत्तम विश्वकर्मा , पर्वतारोही सुश्री अमिता श्रीवास, पूर्व पार्षद शशिप्रभा सोनी , पार्षद गीता केशव सोनी , सुरजीत सिंह, राजेन्द्र जायसवाल ,सुनील बनकर, दिनेश कुमार दुबे आदि उपस्थित रहकर लोगों का स्वागत सत्कार करेंगे ।
जगन्नाथ मंदिर से निकलने वाली यह रथयात्रा लोहार पारा , राजमहल,कदम चौक, देवांगन पारा, समलेश्वरी मंदिर चौक और सदर बाजार को पार करते हुए रविन्द्र कुमार सोनी के आवास स्थित आरके ज्वेलर्स में जाकर रुक जाएगी ।विश्राम स्थल में पहुंचने पर जगन्नाथ स्वामीजी, बलभद्र जी और सुभद्रा देवी जी का आतिशी पटाखे और पुष्प वर्षा कर खुशियां मनाते हुए स्वागत सत्कार किया जाएगा । जगन्नाथ मंदिर बड़े मठ के वयोवृद्ध ब्रम्हाचारी पुजारी पंड़ित लालदास महंत ने बताया कि आषाढ़ मास के द्वितीया तिथि का अपना अलग महत्व हैं । इस दिन भगवान जगन्नाथ स्वामीजी की रथयात्रा पूरे भारतवर्ष के साथ हमारे चांपा शहर में जगन्नाथ रथयात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी । मार्ग पर श्रद्धालु भक्त उनका स्वागत- सत्कार करेंगे । मंदिर के द्वार से रथयात्रा निकलने के पूर्व चांपा जमींदारी के कुँवर भिवेन्द्र बहादुर सिंह के द्वारा सबसे पहले पूजन किया जाएगा। मुख्य मंदिर के विशेष कक्ष में काष्ठ रथ बनकर तैयार हो गया हैं । भगवान के तीनों-विग्रहों को इसमें रखा जायेगा और आषाढ़ शुक्ल पक्ष द्वितीया को स्नान , ध्यान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ तीनों विग्रहों को रथ में प्रतिस्थापित कर मंदिर से निकाला जाएगा । एनटीपीसी सीपत बिलासपुर में कार्यरत और मंदिर के ठीक सामने रहने वाले उप-महाप्रबंधक सत्यनारायण सोनी ने बताया कि बड़े मठ मंदिर स्थित भगवान् जगन्नाथ का यह मंदिर लगभग 250 वर्ष प्राचीन हैं । मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा के साथ राधाकृष्ण, रामचंद्र , लक्ष्मण और जानकी माता , संतोषी माता की दिव्य मूर्ति हैं। मंदिर के ठीक सामने दक्षिण दिशा में दक्षिण मुखी हनुमान जी की दोनों हाथ जोड़े सान्द्र सिंदूर में लिप्त मूर्ति दर्शनीय हैं। जगन्नाथ पुरी की तरह यहां भी मंदिर व्यवस्थापन समिति के द्वारा जगन्नाथ रथयात्रा हर वर्ष निकाली जाती हैं , लेकिन कोरोना संक्रमण काल की वजह से दो वर्ष तक प्रतिकात्मक रथयात्रा निकाली । इस वर्ष यह रथयात्रा हर्ष और उल्लास के साथ निकलने वाली हैं । लोगों की आस्था और विश्वास ही हैं कि रथयात्रा में लोग भक्ति-भाव से जुड़ जाते हैं ।
सुमन सोनी एवं पूर्व पार्षद शशिप्रभा सोनी ने अपनी बात छत्तीसगढ़ी भाषा में कहीं रथयात्रा म भगवान जगन्नाथ जी ख़ुद चलके मनखे के बीच आथें अऊ सुख-दु:ख के सहभागी बनथे। छोटे-छोटे लईका मन तो चांपा के गली-मुहल्ला म किंदर-किंदर के रथ ला सजाके निकाल के आगू बढ़ाथे।देखत-देखत जगन्नाथ भगवान् के जयकारा चारों ओर गुंजायमान होंथे