जांजगीर-चांपा जिले के श्रेष्ठ पुरुष और अद्भुत व्यक्तित्व के धनी मोहित राम सराफ जी पंचतत्व में विलीन ।

भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित

चाम्पा – 07 अगस्त 2022

केन्द्रीय स्वर्णकार समाज के वर्षों तक अध्यक्ष रहें , समाज के हित चिंतक ,पूर्व नपा उपाध्यक्ष, प्रतिष्ठित व्यक्ति , साहित्यकार , शिल्पकार, निराला साहित्य मंडल के अध्यक्ष रहें , वयोवृद्ध सदपुरुष वरिष्ठ कांग्रेसी मोहित राम सराफ जी का आज दिनांक 07 अगस्त 2022 की सुबह 9 : 30 बजें देवलोक गमन कर गये । वे सिंचाई विभाग कोरबा से सेवानिवृत्त हेमन्त कुमार सर्राफ , विजय कुमार सर्राफ और माइनिंग इंजीनियर संजय कुमार सर्राफ के पिता थे । दो-दिन पूर्व ही स्वस्थ और प्रसन्नचित थे और देश की समस्याओं के प्रति बातचीत कर रहें थे । काल को कौन जान सकता हैं । सुबह उन्हें बेचैनी लगी और देखते ही देखते मोहित राम सराफ जी ने सुबह 9-30 बजें 92-वर्ष की अवस्था में अंतिम श्वास लिया । उनका उठावना और अंँतिम यात्रा उनके निवास स्थल हटवारा चौक , सोनार पारा चांपा से निकाली गई और हसदेव नदी के तट पर स्थित सार्वजनिक मुक्तिधाम में अंतिम मुखाग्नि सुपुत्र हेमंत कुमार सराफ ने दी ।

शशिभूषण सोनी ने बताया कि श्रद्धेय मोहित राम सराफ जी साहित्यकार , संगीतकार , मूर्तिकला , चित्रकला एवं सोने-चांदी के आभूषण निर्माण में पारंगत श्रेष्ठ सिद्धांत वाले सदपुरुष इंसान थे । पूज्य बाबूजी जी से ढ़ेर-सारी स्मृतियां जुड़ी हुई हैं । अवसान के बाद भी अनंत काल तक वह स्मृति बनी रहेंगी । वे तो अनंत यात्रा पर निकल पड़े लेकिन उनका स्नेह , सद्भाव, अपनत्व और प्यार हमारे सिर पर सदा बना रहेंगा । फिलहाल अश्रुपूरित नेत्रों से विनम्र श्रद्धांजलि । ईश्वर उनकी आत्मा को सद्गति और शांति प्रदान करें एवं अपने श्रीचरणों में स्थान दें। ओम शांति । इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वजातीय बंधुओं के अतिरिक्त गणमान्य नागरिक विभिन्न दलों और समाज के लोग उपस्थित रहकर श्रद्धांजलि अर्पित कियें । प्रगतिशील स्वर्ण एवं रजत समिति के सचिव शशिभूषण सोनी ने आगे बताया कि मोहित राम सराफ जी मूलतः शिवरीनारायण के रहने वाले थे व्यवसाय के सिलसिले में चांपा आए और यह के मूल निवासी हैं । बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। किसी भी व्यक्ति की पेपर में फ़ोटो देखकर हूबहू फ़ोटोग्राफ़ी , ताम्रपत्र , रजत पत्र या फिर स्वर्णपत्र में उकेर देने वाले अद्भुत कलाकार थे । वे बिना बांस के बांस वादन में भी पारंगत थे । लीला मण्डली का संचालन मोहित राम जी हटवारा चौक पर लंबे समय तक करते रहें हैं । वे कवि , साहित्यकार , संगीतकार और लेखक भी थे । जब किसी सरकारी अधिकारी को अथवा राजनेताओं को सम्मान पत्र देना होता था तो लोग मोहित राम सराफ जी से सम्पर्क करते थे । खास बात यह हैं कि ना तो मेकिंग चार्ज या मज़दूरी लेते थे और ना ही चांदी का रकम लेते थे । आज़ भी समाज के लिए , समाज के बच्चों के लिए कुछ ना कुछ करने की चाहत रखने वाले ऐसे व्यक्ति कम ही मिलेंगे । ऐसे महान् व्यक्तित्व के अवसान पर श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए सादर नमन ,

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