सक्ती – पंचायत सचिव मनोज गबेल की मनमानी के आगे बड़े अधिकारी भी है नतमस्तक , सभी बड़े अधिकारियों के आदेश को दिखा रहा है ठेंगा…
सक्ती – 30 दिसंबर 2023
तथाकथित छुटभैये नेताओ की शह पा कर छोटे सरकारी कर्मचारी कितने निरंकुश हो गए है अगर इसकी बानगी देखनी हो तो जिला मुख्यालय सक्ती से महज 10 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सकर्रा में जा कर देखा जा सकता है जँहा पंचायत सचिव के अड़ियल रवैये और हठधर्मिता के चलते ना सिर्फ गांव का विकास रुका हुआ है बल्कि महिला सरपंच की बर्बादी की कगार पर आकर खड़ी हो गई है।
और इस सबका श्रेय जाता है ग्राम पंचायत सकर्रा के तत्कालीन सचिव मनोज गबेल को जो ट्रांसफर होने के बाद भी नए पंचायत सचिव कुमार मल्होत्रा को प्रभार नही दे रहा है।
ग्राम पंचायत सकर्रा की महिला सरपंच पद्मा बरेठ ने बताया कि सकर्रा के सचिव मनोज गवेल का ट्रांसफर तीन महीने पहले ग्राम पंचायत चरौदी हो गया है लेकिन वह ना तो चरौदी जा रहा है और ना नए सचिव कुमार मल्होत्रा को प्रभार दे रहा है जिसकी वजह से गांव में कराए गए कई विकास कार्यो का भुगतान अटका पड़ा है।
महिला सरपंच पद्मा बरेठ ने बताया कि उसने सेठ साहूकारों से उधार में सामग्री लेकर सी सी रोड , सुलभ शौचालय का निर्माण कराया था जिसकी राशि बैंक में आकर जमा है लेकिन सचिव के प्रभार नही देने से राशि आहरित नही हो पा रही है और साहूकार कर्ज वसूली के लिए लगातार दबाब बना रहे है।
सूत्रों की माने तो सचिव मनोज गबेल को कुछ छुटभैये नेताओ का संरक्षण मिला हुआ है जिसके चलते वो अपने आगे जनपद CEO , जिला पंचायत CEO और कलेक्टर तक को कुछ नही समझता है ग्रामीणों की माने तो सकर्रा से पहले सचिव मनोज गबेल ग्राम पंचायत बंदोरा में 10 महीने तक पदस्थ था और अपने 10 माह के कार्यकाल के दौरान एक भी राशि आहरित नही की थी।