चाम्पा-जयघोष के साथ निकली भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा
65 बटुकों का हुआ उपनयन संस्कार, महाआरती के साथ हुआ शोभायात्रा का समापन


चाम्पा-
सामाजिक एकता का संदेश देते हुए भगवान परशुराम ब्राम्हण युवा संगठन द्वारा नगर में भगवान परशुराम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई. भगवान परशुराम के प्राकट्य उत्सव दिवस पर परशुराम भगवान से निकाली गई इस शोभायात्रा में सैकड़ों की तादाद में बटुकों के साथ परिजन समेत समाज के लोग शामिल हुए.परशुराम भवन से शुरू हुई शोभायात्रा लायंस चौक,विसवेसवैरिया द्वार,थाना चौक,गौशाला रोड़, सुभाष चौक,सदर बाजार, राधाकृष्ण मंदिर,समलेश्वरी मंदिर, जगन्नाथ बड़े मठ मंदिर, रहेस बेड़ा, कदम चौक होते हुए भगवान परशुराम चौक पहुची. भगवान परशुराम की प्रतिमा और आकर्षक झांकियों विप्र समाज के बटुकों ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. शोभायात्रा में शामिल होने के लिए दूरदराज क्षेत्रों से भी विप्र जन पहुंचे.इस मौके पर डॉ जी पी दुबे,बंशीधर दीवान, मोहन द्विवेदी, पदमेश शर्मा,राजेश पाठक,पुरुषोत्तम शर्मा,चंद्रशेखर पांडेय,राजेन्द्र तिवारी,भृगुनंदन शर्मा,राजीव मिश्रा,महेंद्र तिवारी, योगेंद्र तिवारी,शैलेन्द्र तिवारी,योगेंद्र धर दीवान,बसंत चतुर्वेदी, संजय दुबे,अरुण उपाध्याय, लीलेस्वर तिवारी,प्रशांत तिवारी,प्रदीप नारायण शर्मा,शिव मिश्रा,धर्मेंद्र तिवारी, शशांक तिवारी, योगेश पाठक सहित नगर के गणमान्य नागरिक व विप्र समाज के लोग शामिल हुए.

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पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत
ब्राह्मण संगठन के संयोजन में निकाली गई भगवान परशुराम की विशाल शोभायात्रा जहां-जहां से भी गुजरी,वहां-वहां पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया. विभिन्न संगठनों के द्वारा मंच लगाकर शोभा यात्रा की अगुवाई की गई और भगवान परशुराम का पूजन अर्चन किया गया.भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठवां अवतार माना जाता है. इसी वजह से अक्षय तृतीया के साथ ही परशुराम जन्मोत्सव भी मनाई जाती है.

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शोभायात्रा में शामिल बटुकों का जगह जगह हुआ स्वागत सत्कार

दो वर्ष कोरोना की पाबंदियां हटने के बाद भगवान परशुराम की शोभायात्रा की भव्यता देखते ही बन रही थी. इस मौके पर शोभायात्रा में शामिल जनप्रतिनिधियों, गणमान्य जनों और ब्राह्मण संगठन के पदाधिकारियों ने सामाजिक एकता पर जोर देते हुए सभी को भगवान परशुराम के प्राकट्य उत्सव की बधाईयां दी.शंख, घंटियाल, ढोल-नगाड़े,कर्मा नृत्य और लोक वाद्य यंत्रों की मधुर ध्वनि के बीच निकाली गई शोभायात्रा के चलते भगवान परशुराम के जयघोषों से गुंजायमान हो उठी. शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने जगह-जगह शोभायात्रा का दर्शन करके उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया. स्थानीय व्यापारियों समाजसेवीयों रामनवमीं आयोजन समिति द्वारा बटुकों को अंगवस्त्र, डॉ व्ही एन विरथरे परिवार,केशवानी हॉटेल के पास लल्लू शर्मा रितेश शर्मा,विसवेश्वरैया द्वार में राजेश बंसल अनिल मनवानी, मनोज धमेचा द्वारा,थाना चौक मुस्लिम समाज, सुभाष चौक में गणेश मोदी, राधाकृष्ण मंदिर में धीरेंद्र बाजपेयी,आमरस से मठ मंदिर के पास आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी, रहेस बेड़ा चौक पर गुप्ता परिवार द्वारा,परशुराम चौक पर विकास तिवारी और डॉ जी पी दुबे के द्वारा श्रद्धालुओं की सेवा के लिए शोभायात्रा मार्ग में ही शरबत,शीतल पेयजल,कोल्ड ड्रिंक मिस्ठान आदि विभिन्न खाद्य पदार्थों से स्वागत सत्कार की गई.

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40 फिट भगवा पताका फहराया गया

परशुराम चौक में धीरेंद्र बाजपेयी के सहयोग से से 40 फिट हाइट के हिन्दू सौर्य के प्रतीक भगवा ध्वज का ध्वजारोहण किया गया,जमकर आतिशबाजी,भगवान परशुराम की प्रतिमा का महाआरती, प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ
इस मौके पर अनेकों संत-महात्माओं सहित ब्राम्हण समाज,दीगर समाज के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद रहे.

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65 बटुकों का हुआ उपनयन संस्कार,कलेक्टर सपत्नीक पहुँचे आशीर्वाद देने

क्षेत्र के 65 बटुकों का पं जगदीश द्वीवदी स्मृति भगवान परशुराम भवन में उपनयन संस्कार वैदिक मंत्रोच्चार के बीच संपन्न हुआ.कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला सपत्नीक उपनयन संस्कार में पहुँचकर बटुकों को भिक्षाटन दान कर आशीर्वाद दिया. समाज द्वारा क्षेत्र के बटुकों का कम खर्च में सामाजिक सदभाव का 24 वर्षो से लगातार यग्योपवित संस्कार का अनोखी मिशाल पेश की जाती रही है.पं जगदीश द्वीवदी की स्मृति में 55 लाख की दान से परशुराम भवन का नवनिर्माण कर कायाकल्प किया गया. साथ ही परशुराम चौक पर पारम्परिक वस्त्र और अस्त्र के साथ यात्रा शोभायात्रा निकाली गई.

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