गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्ध योग के साथ प्रारम्भ होगा गुप्त नवरात्रि-पंडित द्विवेदी,,,,
चाम्पा – 29 जून 2022
कल 30 जून से गुप्त नवरात्रि आरम्भ हो रही है जो 8 जुलाई शुक्रवार तक रहेगा।
पं अतुल कृष्ण द्विवेदी के अनुसार
पूरे वर्ष भर के चार नवरात्रों में से दो को प्रत्यक्ष नवरात्र कहा गया है और दो को गुप्त नवरात्र।
यह चारों नवरात्र सिद्धि प्रदान करने वाली होती हैं।
गुप्त नवरात्र में साधक सन्यासी, सिद्धि प्राप्त करने वाले, तांत्रिक-मांत्रिक देवी की उपासना करते हैं। तथा देवी की दस महाविधाएं की पूजा की जाती है, जिनका तंत्र शक्तियों और सिद्धियों में विशेष महत्व है।
जबकि प्रत्यक्ष नवरात्र में गृहस्थ जीवन व्यतीत करने वाले समस्त जन माँ दुर्गा जी के 9 रूपों की पूजा करते है।
इस नवरात्रि में दश महाविद्या की उपासना का विशेष महत्व है
गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां: गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा करते हैं।भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है।
गुप्त नवरात्र में भी अगर आम जन चाहें तो किसी विशेष इच्छा की पूर्ति या सिद्धि के लिए साधना उपासना तथा पाठ आदि करके मनोरथ की पूर्ण कर सकते हैं।
इस वर्ष भी चाम्पा नगर की कुल देवी मां समलेश्वरी मंदिर में गुप्त नवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी पूरे नगर के कल्याण के लिए यहां पूजन सम्पन्न किया जाएगा जिसमे राजपरिवार के मुख्य भिवेन्द्र बहादुर सिंह सपरिवार उपस्थित रहेंगे…