चाम्पा

चांपा में साइबर टीम की कार्रवाई पर उठे सवाल, पुलिस की जगह ‘वर्दीधारी डाकू’ होने की चर्चा तेज…

चांपा।

साइबर टीम को सट्टे के खिलाफ कार्रवाई में दो सटोरियों को पकड़ने में सफलता मिली, लेकिन यह कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ धारा 7 जुआ अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने 1 लाख रुपये नगद व 2 मोबाइल फोन जप्त किए।

हालांकि, इस पूरी कार्रवाई को लेकर शहर में पुलिस की वाहवाही कम, बल्कि मजाक ज्यादा बन रहा है। स्थानीय लोगों में इसको लेकर भारी चर्चा है कि साइबर टीम ने जो जब्ती दिखाई, वह वास्तविक रकम से काफी कम है।

घर से दबिश और ‘गायब’ हुए 3 लाख रुपये

मिली जानकारी के अनुसार, साइबर टीम ने शाम करीब 6 बजे विजय कसेर के घर दबिश दी और उन्हें हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि टीम ने उनके घर से 4 लाख रुपये नगद जब्त किए, लेकिन जब आधिकारिक रूप से जब्ती की गई, तो केवल 1 लाख रुपये ही दर्शाए गए।

इसके बाद कसेर को भालेराय मैदान ले जाया गया, जहां उनसे कड़ी पूछताछ की गई। इस दौरान साइबर टीम ने उन पर दबाव डाला कि वह किसी अन्य व्यक्ति का नाम बताएं। कसेर ने एक व्यक्ति का नाम लिया, लेकिन इसके बाद मामला और भी संदिग्ध हो गया।

वीडियो बनाकर दबाव, फिर पैसों की मांग?

सटोरिए द्वारा लिए गए नाम के बड़े भाई के पास साइबर टीम के एक आरक्षक पहुंचा और आरोपी द्वारा ही बनाए गए वीडियो को दिखाकर धमकी दी कि अगर मामला दबाना है, तो पैसे देने होंगे। यह घटना नगर में तेजी से चर्चा का विषय बन गई है, और साइबर टीम की नीयत व कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

साइबर टीम की साख पर सवाल, शहर में बढ़ा आक्रोश

स्थानीय नागरिकों के बीच चर्चा है कि विजय कसेर के घर से लिए गए 4 लाख रुपये का क्या हुआ? यदि टीम ने वाकई यह राशि जब्त की थी, तो फिर सिर्फ 1 लाख रुपये की जब्ती क्यों दिखाई गई? ऐसे में नगरवासी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं कि यह कानून के रक्षक हैं या वर्दीधारी डाकू?

नगर में इस मामले को लेकर भारी आक्रोश है, और पुलिस की निष्पक्षता व ईमानदारी पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। प्रशासन से इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वास्तव में साइबर टीम ने क्या किया और कितनी सच्चाई है।

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